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राज्यपाल के निर्देश- नवाचार, अनुसंधान और स्टार्टअप पर विशेष ध्यान दें विश्वविद्यालय

राज्यपाल के निर्देश- नवाचार, अनुसंधान और स्टार्टअप पर विशेष ध्यान दें विश्वविद्यालय

रायपुर। राज्यपाल रमेन डेका ने गुरुवार को सभी निजी विश्वविद्यालयों की समीक्षा बैठक की। विश्वविद्यालयों की शैक्षणिक गतिविधियों,  नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन व अन्य कार्यों की समीक्षा की। राज्यपाल ने सभी विश्वविद्यालयों को निर्देशित किया कि नवाचार, अनुसंधान और स्टार्टअप पर विशेष ध्यान दें। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के मापदंडों और नियमों के अनुरूप कार्य संचालन के निर्देश दिए।

     

राज्यपाल ने कहा कि निजी विश्वविद्यालयों की शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका है। इन विश्वविद्यालयों को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के गाईडलाइन और शासन के नियमों का कड़ाई से पालन करना चाहिए। विश्वविद्यालयों में शिक्षा गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दें, उनको व्यवसाय का संस्थान न बनाए। उन्होंने कहा कि निजी विश्वविद्यालयों के लिए लागू विनियमन को उन्हें मानना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा निजी विश्वविद्यालयों के लिए विनियामक आयोग का गठन बहुत अच्छी पहल है। 


रायपुर एजुकेशन हब के रूप में विकसित हो सकता है 

राज्यपाल ने कहा कि रायपुर एजुकेशन हब के रूप में विकसित हो सकता है, जिसके लिए सभी का प्रयास जरूरी है। विद्यार्थियों के हित में अकादमिक कैलेण्डर का पालन करें। उन्होंने नियमित शिक्षकों की नियुक्ति और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के मापदंडों के अनुरूप पात्र शिक्षकों को ही पीएचडी के लिए गाइड नियुक्त करने संबंधी निर्देश दिए। उन्होंने स्पष्ट कहा कि मापदंडों का पालन नहीं करने वाले, विश्वविद्यालय पीएचडी नहीं करा पाएंगे। उन्होंने सभी विश्वविद्यालयों से अब तक जितनी  पीएचडी डिग्री दी गई है उसकी जानकारी देने कहा।


विद्यार्थियों के कौशल विकास के लिए कार्य करें

राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालय, स्थानीय व लघु उद्योगों से समन्वय कर विद्यार्थियों के कौशल विकास के लिए कार्य करें। विद्यार्थी, विनिमय कार्यक्रम के संबंध में भी जानकारी ली। उन्होंने निर्देशित किया कि शिक्षकों का रिफ्रेेशर कोर्स एवं प्रशिक्षण कराये, जिससे वे अपने विषयों में अपडेट रहें ताकि विद्यार्थी भी अध्ययन के प्रति आकर्षित हो और शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार हो सके। साथ ही उच्च शिक्षा की गुणवत्ता सुधार के लिए अन्य विश्वविद्यालयों के साथ एमओयू करें। लाइवलीहुड के लिए भी विश्वविद्यालय नवाचार करें।  राज्यपाल ने कहा कि बैठक में जो निर्णय होते हैं उनका पालन अनिवार्य रूप से करें और अगली बैठक में प्रतिवेदन लेकर आये। उन्होंने हर तीन माह में समीक्षा करने की बात कहीं।


नई शिक्षा नीति को सही तरीके से लागू करने की जरूरत

उच्च शिक्षा विभाग के सचिव आर. प्रसन्ना ने कहा कि नई शिक्षा नीति को सही तरीके से लागू करने की जरूरत है। विद्यार्थियों को दिए जाने वाली डिग्री और अन्य दस्तावेजों को डिजिटल रूप से भी अपलोड करें। अनुसंधान में नए विषयों में शामिल करें, जिससे विकसित भारत, विकसित छत्तीसगढ़ की कल्पना को साकार किया जा सके। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने अनुसंधान और नवाचार में निजी विश्वविद्यालयों की मदद के लिए योजना बनाई है।


इन विश्वविद्यालयों के कुलपति शामिल हुए

बैठक में कलिंगा विश्वविद्यालय रायपुर, मैट्स विश्वविद्यालय रायपुर, आई.सी.एफ.ए.आई विश्वविद्यालय दुर्ग, सीवी रमन विश्वविद्यालय बिलासपुर, आई.टी.एम. विश्वविद्यालय रायपुर, ओ.पी. जिदंल विश्वविद्यालय रायगढ़, एमिटी विश्वविद्यालय रायपुर, आई.एस.बी.एम. विश्वविद्यालय गरियाबंद, श्री रावतपुरा सरकार विश्वविद्यालय रायपुर, मर्हिषी विश्वविद्यालय बिलासपुर, ए.ए.एफ.टी. विश्वविद्यालय रायपुर, देव संस्कृति विश्वविद्यालय दुर्ग, के. के. मोदी विश्वविद्यालय दुर्ग, श्री शंकराचार्य प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी दुर्ग, भारती विश्वविद्यालय दुर्ग, आंजनेय विश्वविद्यालय रायपुर, श्री दावड़ा विश्वविद्यालय रायपुर के कुलपतिगण उपस्थित थे।

Sanju Suryawanshi

Sanju Suryawanshi

sanju.surywanshi1@gmail.com

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