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डिजिटल अरेस्ट, हैकिंग, फिशिंग जैसे साइबर अपराधों के प्रति समाज को जागरूक करना बहुत जरूरी: मंगुभाई पटेल

डिजिटल अरेस्ट, हैकिंग, फिशिंग जैसे साइबर अपराधों के प्रति समाज को जागरूक करना बहुत जरूरी: मंगुभाई पटेल

भोपाल। तकनीक की उन्नति ने साइबर अपराधों के स्वरूप को बदला है। साइबर अपराध के बदलते पैटर्न जैसे- डिजिटल अरेस्ट, हैकिंग, फिशिंग आदि के प्रति समाज को जागरूक करना बहुत जरूरी है। ये बातें राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने गुरुवार को मेनिट में कहीं। 

    

“रिसेंट ट्रेंड्स इन इमेज प्रोसेसिंग एण्ड पैटर्न रिकग्निशन” विषय पर 7वें अंतर्राष्ट्रीय सम्मलेन भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान और मौलाना आजाद राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, भोपाल की ओर से आयोजित किया गया है। इसमें राज्यपाल ने कहा कि आज का समय डिजिटल युग है। इसलिए समाज को विज्ञान और तकनीक के सकारात्मक और नकारात्मक दोनों पक्षों के बारे में जागरूकता आवश्यक है। उन्होंने विशेषज्ञों से कहा कि भारतीय ज्ञान परम्परा में निहित विज्ञान और तकनीकी ज्ञान की प्रगति का समाज और राष्ट्र के हित में विमर्श करें। 

    

राज्यपाल ने कहा कि मध्यप्रदेश की सांस्कृतिक विरासत समृद्ध है। राज्य में तकनीकी और औद्योगिक विकास के लिए आवश्यक दूरदर्शी दृष्टिकोण और अपार संभावनाएं है। प्रदेश की नीति और रीति, अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के विषय के अनुरूप है। उन्होंने पारस्परिक सहयोग से डिजिटल क्रांति के मुख्य घटक इमेज प्रोसेसिंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की सम्भावनाओं पर पहल की सराहना की।


इनकी रही उपस्थिति

कार्यक्रम में साऊथ डकोटा यूनिवर्सिटी यूएसए के विषय विशेषज्ञ केसी संतोष, दुबई में कार्यरत डॉ. विनयातोष मिश्रा ने इमेज प्रोसेसिंग और पैटर्न रिकग्निशन विषय पर शोध की सम्भावनाओं पर प्रकाश डाला। मेनिट संस्थान के डायरेक्टर केके शुक्ला ने संस्थान के माध्यम से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में शोध, विकास और एम्स भोपाल के साथ स्वास्थ्य के क्षेत्र में किए जा रहे नवाचारों की जानकारी दी। आईआईआईटी के डायरेक्टर प्रो. आशुतोष कुमार सिंह ने कॉन्फ्रेंस के आयोजन, उद्देश्य और विकसित भारत के निर्माण में तकनीक और शोध के महत्व पर विस्तार से जानकारी दी। आभार डॉ. दीपचन्द्र जोशी ने माना। सम्मेलन में देश-विदेश से आए विषय विशेषज्ञ, शोधकर्ता, विद्यार्थी गण उपस्थित रहे। उनके साथ दूरस्थ क्षेत्रों के विशेषज्ञ और विद्यार्थी भी ऑनलाइन शामिल हुए।

Sanju Suryawanshi

Sanju Suryawanshi

sanju.surywanshi1@gmail.com

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